जर्नल एंट्रीज: एकाउंटिंग में एक महत्वपूर्ण अध्याय
जर्नल एंट्रीज क्या हैं?
जर्नल एंट्रीज एकाउंटिंग में एक महत्वपूर्ण अध्याय हैं। जब कोई व्यवसाय किसी भी प्रकार का लेन-देन करता है, तो उसे एक प्रॉपर रिकॉर्ड रखना होता है। यह रिकॉर्ड जर्नल एंट्रीज के माध्यम से किया जाता है। जर्नल एंट्रीज में व्यवसाय के सभी लेन-देन का विवरण दर्ज किया जाता है, जिसमें लेन-देन की तारीख, लेजर फोलियो, डेबिट और क्रेडिट राशि शामिल होती है।
जर्नल एंट्रीज का प्रारूप
जर्नल एंट्रीज को एक निश्चित प्रारूप में लिखा जाता है, जिसमें निम्न कॉलम शामिल होते हैं:
- तारीख: लेन-देन की तारीख
- लेजर फोलियो: लेजर में पृष्ठ संख्या जहां लेन-देन का विवरण दर्ज किया गया है
- डेबिट: लेन-देन में जो राशि प्राप्त हुई है
- क्रेडिट: लेन-देन में जो राशि खर्च हुई है
जर्नल एंट्रीज के लिए तीन मूल नियम
जर्नल एंट्रीज लिखते समय तीन मूल नियमों का पालन किया जाता है:
1. वास्तविक खाता (Real Account)
वास्तविक खाते में संपत्ति और देयताओं से संबंधित लेन-देन दर्ज किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, मशीनरी, फर्नीचर, कैश आदि।
2. व्यक्तिगत खाता (Personal Account)
व्यक्तिगत खाते में व्यक्तिगत लेन-देन दर्ज किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, भुगतान वेतन, भुगतान किराया आदि।
3. नामिनल खाता (Nominal Account)
नामिनल खाते में व्यय और आय से संबंधित लेन-देन दर्ज किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, विज्ञापन व्यय, बिजली व्यय, बिक्री आय आदि।
जर्नल एंट्रीज लिखने के नियम
जर्नल एंट्रीज लिखते समय निम्न नियमों का पालन किया जाता है:
1. डेबिट क्या आता है
जो भी व्यवसाय में आता है, उसे डेबिट किया जाता है। उदाहरण के लिए, मशीनरी खरीदी, कैश प्राप्त हुआ आदि।
2. क्रेडिट क्या होता है
जो भी व्यवसाय से बाहर जाता है, उसे क्रेडिट किया जाता है। उदाहरण के लिए, मशीनरी बेची गई, कैश का भुगतान किया गया आदि।
3. डेबिट रिसीवर, क्रेडिट गिवर
जो भी प्राप्त करता है, उसे डेबिट किया जाता है और जो देता है, उसे क्रेडिट किया जाता है।
जर्नल एंट्रीज के उदाहरण
आइए, कुछ उदाहरण देखते हैं:
उदाहरण 1: मशीनरी खरीदना
नरेशन: कंपनी ने प्रकाश से 10,000 रुपये की मशीनरी खरीदी।
जर्नल एंट्री:
मशीनरी अकाउंट डेबिट 10,000
कैश/बैंक अकाउंट क्रेडिट 10,000
उदाहरण 2: फर्नीचर खरीदना
नरेशन: कंपनी ने रूपेश से 1,000 रुपये का फर्नीचर खरीदा।
जर्नल एंट्री:
फर्नीचर अकाउंट डेबिट 1,000
कैश/बैंक अकाउंट क्रेडिट 1,000
उदाहरण 3: फर्नीचर बेचना
नरेशन: कंपनी ने कार के लिए 20 रुपये का फर्नीचर बेचा।
जर्नल एंट्री:
कैश/बैंक अकाउंट डेबिट 20
फर्नीचर अकाउंट क्रेडिट 20
उदाहरण 4: मशीनरी बेचना
नरेशन: कंपनी ने 25 रुपये में मशीनरी बेच दी।
जर्नल एंट्री:
कैश/बैंक अकाउंट डेबिट 25
मशीनरी अकाउंट क्रेडिट 25
इन उदाहरणों से आप देख सकते हैं कि जर्नल एंट्रीज लिखने के लिए आपको लेन-देन की प्रकृति और प्रभाव को समझना होता है। डेबिट में जो आता है, उसे डेबिट करना होता है और क्रेडिट में जो जाता है, उसे क्रेडिट करना होता है। साथ ही, रिसीवर को डेबिट और गिवर को क्रेडिट करना होता है।
जर्नल एंट्रीज लिखना एकाउंटिंग का एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसके बिना व्यवसाय का वित्तीय रिकॉर्ड पूर्ण नहीं होता। इसलिए, जर्नल एंट्रीज को अच्छी तरह से समझना और लिखना बहुत महत्वपूर्ण है।
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