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विश्वकर्मा योजना के बारे मैं जानकारी
प्रधानमंत्री
विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) का पूरा विवरण हिंदी में:
पीएम
विश्वकर्मा योजना जिसे पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान के नाम
से भी जाना जाता है, भारत
सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और
शिल्पकारों को सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत 13,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
योजना
के लाभार्थी:
लोहार
सुनार
कुम्हार
बढ़ई
मूर्तिकार
अन्य
पारंपरिक शिल्पकार और कारीगर (कुल 18 शिल्प शामिल हैं)
योजना
के मुख्य लाभ:
कौशल
विकास प्रशिक्षण: कारीगरों
को उनके हुनर को निखारने के लिए 4-5 दिनों का निःशुल्क कौशल विकास प्रशिक्षण दिया
जाएगा।
वित्तीय
सहायता: प्रशिक्षण
प्राप्त करने वाले कारीगरों को कम ब्याज दर (5%) पर 3 लाख रुपये तक का कोलैटरल-मुक्त ऋण प्राप्त
करने में सहायता प्रदान की जाएगी। ऋण दो चरणों में दिया जाएगा - पहले चरण में 1
लाख रुपये और दूसरे
चरण में 2 लाख
रुपये तक।
टूल किट
प्रोत्साहन: कारीगरों
को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए 15,000 रुपये तक का टूल किट अनुदान दिया जाएगा।
बाजार
से जुड़ाव: योजना
के तहत कारीगरों को अपने उत्पादों को बेचने में मदद करने के लिए बाजार से जोड़ा
जाएगा।
डिजिटल
लेनदेन प्रोत्साहन: डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए कारीगरों को
प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
पीएम
विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड: पंजीकृत कारीगरों को पीएम विश्वकर्मा
सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड दिया जाएगा।
पात्रता:
भारत का
नागरिक होना चाहिए।
कम से
कम 18 वर्ष का
होना चाहिए।
कम से
कम एक पारंपरिक शिल्प या कौशल में कम से कम एक वर्ष का अनुभव होना चाहिए।
किसी भी
सरकारी योजना के तहत पहले से ही ऋण प्राप्त नहीं होना चाहिए।
आवेदन
कैसे करें:
योजना
के लिए अभी पोर्टल लॉन्च कर दिया गया है।
अपने
नजदीकी लोक सेवा केंद्र पर जा कर फॉर्म भरवा सकते है
अधिक
जानकारी के लिए आप अपने क्षेत्र के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) विभाग से संपर्क कर
सकते हैं।
योजना
के उद्देश्य:
कारीगरों
की आय और आजीविका में वृद्धि करना।
पारंपरिक
शिल्पों का संरक्षण और संवर्धन करना।
कारीगरों
को औपचारिक अर्थव्यवस्था में लाना।
भारत की
समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखना।
मुझे
उम्मीद है कि यह स्पष्टीकरण आपके लिए उपयोगी रहा होगा। यदि आपके कोई अन्य प्रश्न
हों, तो
कृपया पूछें।
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