SIM card खरीदने का नया rule और 1 December 2023 से इसका पूरा नियम बदलने वाला है जिसका government ने guideline जारी किया है जिसके according जो SIM card खरीदने का तरीका था उसमें थोड़े बदलाव आने वाले है ज़्यादा बदलाव dealers side के लिए क्योंकि dealers अगर comply नहीं करते हैं तो government के इस rule के तहत तो दस लाख रुपए तक की penalty और तीन साल तक blacklist किया जा सकता है दरअसल bulk sim card में काफी सारे fraud हो रहे थे किसी company के नाम पर register करा करके बहुत सारे लोगों का SIM card, dealer से एक साथ खरीदा जा रहा था dealer की भी मिलीभगत होती थी उसमें जो SIM card बेचते थे तो ऐसे बहुत सारे fraud सामने आए थे आपको पता ही होगा कि किस तरीके से phone करके scan किया जा रहा है तो उसके लिए obviously sim card की ज़रूरत होती है. अब dealers ही नहीं बल्कि हम और आप जैसे users हैं वो अगर sim card खरीदने जाएंगे तो उनके लिए भी कुछ नया process है for example KYC पहले भी होता था अब KYC थोड़ा सा डिफिकल्ट होगा आपको थोड़ा ज़्यादा अपने बारे में details देनी होगी और जो dealers हैं उनको telecom company के साथ एक agreement sign करना पड़ेगा जिसमें आपका आपने किसी एक dealer से कोई SIM card खरीदा है तो वह वह detail जो है अब सरकार के पास या telecom operators के पास ये भी जानकारी होगी कि कौन से dealer से आपने sim card लिया है और उस dealer की verification यानी यदि सिम का इस्तेमाल गलत रूप से हुआ तो और अगर किसी इंसान के नाम से अगर sim issue है तो उसके साथ उस dealer को भी पकड़ा जाएगा और उससे भी investigation किया जाएगा कि आपने इस शख्स को sim card issue किया था. तो मैं पूरी guideline पढ़ कर के आपको बता देता हूं
जो government की guideline है कि क्या क्या changes होने वाले हैं. तो dealers के लिए यह change हुआ कि उन्हें dealers
को telecom
operators के साथ agreement
sign करना होगा
जिसमें यह चीज़ mention है कि अगर वह इसके साथ सहमती नहीं करेंगे इस rule के साथ तो उन्हें तीन साल की dealership उनकी cancel की जा सकती है, और उन्हें black list में डाला जा सकता है और दस लाख
की penalty भी लगाई जा सकती है. एक rule
यह भी है कि अगर bulk
purchase कोई करना
चाह रहा है तो अब bulk purchase वाला system खत्म हो चुका है for example कोई company है और वो company
अपने employees
को अगर SIM
card issue कराना चाहती है तो उसके लिए
जितने सारे employees हैं independently हर employees का यानी हर शख्स का KYC होगा, हर इंसान की identity
proof देनी होगी
आधार card, voter ID card इन सब में से कोई भी एक identity होगी और वहां पर उस इंसान को भी रहना पड़ेगा verification
कराने के लिए पहले
ऐसा होता था कि कोई form जो है एक साथ बहुत सारे SIM card issue करा लेती थी company
के नाम पर और अपने
employees को दे सकती देती थी जिससे काफी fraud होते थे. अब dealers के लिए भी कुछ mandatory
verification कर
दिया हैं. नए rule के under में जो है POS agents हैं, तो जहां से आप sim
card खरीदते हैं
उनको बारह महीने का window दिया गया है जो existing है यानी पहले से जो dealers
है उनको बारह
महीने का time दिया गया है एक December से बारह महीने तक का window है जिसमें वह इस सरकार के नए rule
को फोलो अगर नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ
penalty लगाई
जाएगी और उनके खिलाफ action लिया जाएगा यानी इतने समय में उन्हें ठीक कर लेना होगा
लेकिन नए जो dealers बनेंगे और उन्हें जो existing अभी का जो नया rule है वो follow करना होगा. तो कुल मिलाकर बात ये
है कि sim लेने का process थोड़ा सा सेफ हो जाएगा मतलब अभी जितना easily
मिलता है अभी कुछ
समय तक ऐसा होगा, लेकिन आने वाले कुछ समय में, में ये बदलाव दिखने लगेंगे चूंकि dealers के साथ अभी यह final
नहीं हुआ है,
dealers को बारह
महीने का window अभी भी है, तो कुछ समय के बाद थोड़ा process हो सकता है but यह अच्छी चीज़ है आजकल इतने सारे
scams हो
रहे हैं जिनमें अलग अलग phone number का use करके भी scam किया जा रहा है तो सरकार आम जनता
के सेफ्टी के लिए ये करने जा रही है .
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